हरी द्वार की याद सतावे hari dwar ki yaad staawe
हरी द्वार की याद सतावे hari dwar ki yaad staawe हरी द्वार की याद सतावे भोले कद सी बुलावे गा, शिव शंकर केलाश पति कद नील कंठ पे आवे गा, सावन बीता जान लाग रहया घना करे जी आने को तद्फन लगाया बात मेरा तेरी गंगा जी में नहाने को हरी की पैडी उपर भोले … Read more