शिव अमृतवाणीshiv amritwani

शिव अमृतवाणीshiv amritwani कल्पतरु पुन्यातामा प्रेम सुधा शिव नाम हितकारक संजीवनी शिव चिंतन अविराम पतित पावन जैसे मधुर शिव रसन के घोलक भक्ति के हंसा ही चुगे मोती ये अनमोल जैसे तनिक सुहागा सोने को चमकाए शिव सुमिरन से आत्मा अध्भुत निखरी जाये जैसे चन्दन वृक्ष को डसते नहीं है नाग शिव भक्तो के चोले … Read more