मेरी मंजिल ने पार लगाइये meri manjil ne paar lgaaiye

मेरी मंजिल ने पार लगाइये meri manjil ne paar lgaaiye काँधे कावड उठा ली भोले मन में दर लिया ध्यान तेरा मेरी मंजिल ने पार लगाइये मनाऊ गा एहसान तेरा धनी दिन से सोचु था मैं हरी द्वार ने आवन ने मन मेरा भी तडपे गा गंगा में घोटे लावन ने भोला भाला जमीदार सु … Read more