हे महादेव मेरी लाज रहे | शंकर जी के भजन लिखे हुए

हे महादेव मेरी लाज रहे | शंकर जी के भजन लिखे हुए हे महादेव मेरी लाज रहे | मेरी लाज रहे, तेरा राज रहे ॥ॐ॥ जहर कंठ में, नाग गले में, आग नयन में, फिर भी अमृत तुम्ही लुटाते, इस त्रिभुवन में | आज भगत पर भीड़ पड़ी है, फिर तुम कहाँ विराज रहे ॥ॐ॥ … Read more