भांग का सरूरbhang ka sarur
भांग का सरूरbhang ka sarur बण गया सरूर और होया ढंग सै, होया ढंग सै भोले होया ढंग सै, लगा के घोटा आज मन्ने, भोले या पीली तेरी भंग सै, बण गया सरूर और होया ढंग सै, होया ढंग सै भोले होया ढंग सै….. फिर गए पैर मेरा ना सोधी में गात खोल बताऊँ भोले … Read more