भक्त खड़ा तेरे द्वार पे क्यों अखियां न खोलेbhkt khda tere dwar pe kyu akhiyan na khole
भक्त खड़ा तेरे द्वार पे क्यों अखियां न खोलेbhkt khda tere dwar pe kyu akhiyan na khole हे शिव शंकर दीं दयालु मेरे भोले, भक्त खड़ा तेरे द्वार पे क्यों अखियां न खोले, बड़ी दूर से आया मैं कावड़ लाया, तू क्यों न मुख से बोले, भक्त खड़ा तेरे द्वार पे क्यों अखियां न खोले, … Read more