बोलो हर हर हरbolo har har har
बोलो हर हर हरbolo har har har आग बहे तेरी रग में तुझसा कहाँ कोई जग में है वक़्त का तू ही तो पहला पहर तू आँख जो खोले तो ढाए कहर तो बोलो हर हर हर तो बोलो हर हर हर आदि ना अंत है उसका वो सबका ना इनका उनका वोही है माला, … Read more