झूले पार्वती जगदम्बाjhule parvati jagdamba

झूले पार्वती जगदम्बाjhule parvati jagdamba झूले पार्वती जगदम्बा, झुलावै शंकर त्रिपुरारी, शंकर त्रिपुरारी, झुलावे शंकर त्रिपुरारी, झूले पार्वती जगदम्बा, झुलावै शंकर त्रिपुरारी। पार्वती बोली शंकर से, अरज सुनो मेरी, सावन की ऋतू आई सदाशिव, छाई छँटा प्यारी, झूले पार्वती जगदम्बा, झुलावै शंकर त्रिपुरारी। गोकुल में राधा के संग में, झूले बनवारी, तुमतो नाथ मेरे कभी … Read more