जो ध्यान तुम्हारा रखता है jo dhyan tumhara rakhta hai

जो ध्यान तुम्हारा रखता है jo dhyan tumhara rakhta hai सत्यम शिवम् सुंदरम संसार सारम, अबयंकरम दुःख हरम करुणा अवतारम, ज्योतृयम स्वयंभू प्रकतिक सुधारम, शिवस्वारमि जगत्स्वामी निर्विकारंम। इस जग से अलग रहकर रूहां, उस रब से रूह रुहान करो, जो ध्यान तुम्हारा रखता है, तुम भी उसका कुछ ध्यान करो। होकर विदह चुप चाप बहा, … Read more