चले ब्याह रचाने रे करके भोला श्रृंगारchale vyaah rachane re karke bhola shingar

चले ब्याह रचाने रे करके भोला श्रृंगारchale vyaah rachane re karke bhola shingar चले ब्याह रचाने रे करके भोला श्रृंगार, तन पे बसम रमा होक नंदी पे सवार, उलझे लम्बे काले खोले ये जटाये, शिव भोले भंडारी अध्भुत सा रूप बनाये, पहने बंगमबार और फिर तिरशूल में डमरू लगाए, पी कर भांग का प्याला है … Read more