कैसा छाया कावड़ियों पे रंग कावड़ उठा के चलेkaisa chaya kawadiyo pe rang kawad utha ke chle

कैसा छाया कावड़ियों पे रंग कावड़ उठा के चलेkaisa chaya kawadiyo pe rang kawad utha ke chle कैसा छाया कावड़ियों पे रंग कावड़ उठा के चले जो कावड़ उठा के चले ये बम बम गाते चले, पी ली भगतो ने थोड़ी सी भंग झूमते नाचते चले, कैसा छाया कावड़ियों पे रंग कावड़ उठा के चले … Read more