कैलाश पर्वत पर मेरा शिव भोला भंडारीkailash parvat par mera shiv bhola bhandari
कैलाश पर्वत पर मेरा शिव भोला भंडारीkailash parvat par mera shiv bhola bhandari बैठा है कैलाश पर मेरा शिव भोला भंडारी, गल सर्पो की माला शीश पे गंगा है धारी…. त्रिलोकी दो नयन खुले तो बरसे अमृत धार , तीसरा नेत्र खुले तो शिव का, पाप का हो संहार, शिव भोला है भंडारी, मेरा भोला … Read more