कभी तो भोले भंडारी हो कभी तो रूप भयंकर kabhi to bhole bhandari ho kabhi to roop bhayankar

कभी तो भोले भंडारी हो कभी तो रूप भयंकर kabhi to bhole bhandari ho kabhi to roop bhayankar महिमा तेरी समज सका न कोई भोले शंकर कभी तो भोले भंडारी हो कभी तो रूप भयंकर, भगतो के मन को भाति है भोले छवि तुम्हारी, माथे चंदा जटा में गंगा और नंदी की सवारी बाए अंग … Read more