मेरी मंजिल ने पार लगाइये meri manjil ne paar lgaaiye

मेरी मंजिल ने पार लगाइये meri manjil ne paar lgaaiye

काँधे कावड उठा ली भोले मन में दर लिया ध्यान तेरा
मेरी मंजिल ने पार लगाइये मनाऊ गा एहसान तेरा

धनी दिन से सोचु था मैं हरी द्वार ने आवन ने
मन मेरा भी तडपे गा गंगा में घोटे लावन ने
भोला भाला जमीदार सु हरियाने में गाव मेरा
मेरी मंजिल ने पार लगाइये मनाऊ गा एहसान तेरा

म्हारे गाव के मंदिर में हो बाबा तने नुहाउगा
धिस धिस चन्दन करू कटोरी माथे चन्दन लगाऊ गा
धुप दीप से करू आरती फिर गाऊ गुण गान तेरा
मेरी मंजिल ने पार लगाइये मनाऊ गा एहसान तेरा

लाडू पेडे खावे को न आक धतुरा ल्याऊ गा
काची काची भांग घोट के भर भर लोटे पिलाउगा
तू ही मेरा मात पिता है तू ही है भगवान मेरा
मेरी मंजिल ने पार लगाइये मनाऊ गा एहसान तेरा

इतनी सुन के टेर जाट की प्रशन हो गे बम भोले
हरयाने के खेता में फिर बरसे चांदी गोले
तेरी जय हो ओहगडदानी दिनेश करे गुणगान तेरा
मेरी मंजिल ने पार लगाइये मनाऊ गा एहसान तेरा

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