पंचाकक्षर मंत्र जग में निराला panchakashar mantr jag me nirala

पंचाकक्षर मंत्र जग में निराला panchakashar mantr jag me nirala

पंचाकक्षर मंत्र जग में निराला
जो भी जपे पाए सुख का प्याला
अंतर आत्मा में शिव है समाते
मन में है बनता शिव का शिवाला
तेरे हिरदये में शिव है समाये भजले अब तू ॐ नमो शिवाय,

ध्यान धरले पा ले शिव को
शिव में रम के भूल जा जग को
ओह्दध दानी की भगती पा ले कर दे जीवन समर्पित शिव को
सांसे तेरी अब शिव को भुलाए
भजले अब तू ॐ नम शिवाये

शिव लिंग पे वेल पत्र चड़ा दे शम्भू को गंगा अश्नान करा दे

सत्ये शिव है सुंदर है वो हिरदये में शिव की ज्योति जला दे,
त्रिपुरारी तेरे दुःख को मिटाए भजले अब तू ॐ नम शिवाये

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