सूर्य देव की आरती | Surya Dev Ji Ki Aarti Lyrics | Surya Dev Ji Ki Aarti PDF

Surya Dev Ji Ki Aarti: हिन्दू धर्म के अनुसार भगवान सूर्य देव एक मात्र ऐसे देव हैं जो साक्षात दिखाई पड़ते हैं। सूर्य देव के प्रातः दर्शन कर जल चढ़ाने से सफलता, शांति और शक्ति की प्राप्ति होती है। सूर्यदेव जी की प्रसन्न करने के लिए रोज प्रातः उनकी आरती करनी चाहिए।   

आरती को सेव कर पढ़े जब मन करे (Download Hanuman Aarti in PDF, JPG and HTML): आप इस आरती को पीडीएफ में डाउनलोड (PDF Download), जेपीजी रूप में (Image Save) या प्रिंट (Print) भी कर सकते हैं। इस आरती को सेव करने के लिए ऊपर दिए गए बटन पर क्लिक करें। सूर्य देव की एक आरती निम्न है:

सूर्य देव की आरती (Surya Dev Aarti In Hindi)

ऊँ जय सूर्य भगवान,
जय हो दिनकर भगवान ।
जगत् के नेत्र स्वरूपा,
तुम हो त्रिगुण स्वरूपा ।
धरत सब ही तव ध्यान,
ऊँ जय सूर्य भगवान ॥

॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
सारथी अरूण हैं प्रभु तुम,
श्वेत कमलधारी ।
तुम चार भुजाधारी ॥
अश्व हैं सात तुम्हारे,
कोटी किरण पसारे ।
तुम हो देव महान ॥

॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
ऊषाकाल में जब तुम,
उदयाचल आते ।
सब तब दर्शन पाते ॥
फैलाते उजियारा,
जागता तब जग सारा ।
करे सब तब गुणगान ॥

॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
संध्या में भुवनेश्वर,
अस्ताचल जाते ।
गोधन तब घर आते॥
गोधुली बेला में,
हर घर हर आंगन में ।
हो तव महिमा गान ॥

॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
देव दनुज नर नारी,
ऋषि मुनिवर भजते ।
आदित्य हृदय जपते ॥
स्त्रोत ये मंगलकारी,
इसकी है रचना न्यारी ।
दे नव जीवनदान ॥

॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
तुम हो त्रिकाल रचियता,
तुम जग के आधार ।
महिमा तब अपरम्पार ॥
प्राणों का सिंचन करके,
भक्तों को अपने देते ।
बल बृद्धि और ज्ञान ॥

॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
भूचर जल चर खेचर,
सब के हो प्राण तुम्हीं ।
सब जीवों के प्राण तुम्हीं ॥
वेद पुराण बखाने,
धर्म सभी तुम्हें माने ।
तुम ही सर्व शक्तिमान ॥

॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
पूजन करती दिशाएं,
पूजे दश दिक्पाल ।
तुम भुवनों के प्रतिपाल ॥
ऋतुएं तुम्हारी दासी,
तुम शाश्वत अविनाशी ।
शुभकारी अंशुमान ॥

॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
ऊँ जय सूर्य भगवान,
जय हो दिनकर भगवान ।
जगत के नेत्र रूवरूपा,
तुम हो त्रिगुण स्वरूपा ॥
धरत सब ही तव ध्यान,
ऊँ जय सूर्य भगवान ॥

Surya Dev Aarti In English

Om jai Surya Bhagawan,
Jai ho Dinakar Bhagawan॥
Jagat ke netra swaroopa,
Tum ho trigun swaroopa॥
Dharat sab hi tav dhyaan,
Om jai Surya Bhagawan॥

Sarathi Arun hain prabhu tum,
Shwet kamaldhari॥
Tum chaar bhujaadhari॥
Ashva hain saat tumhaare,
Koti kiran pasaare॥
Tum ho dev mahaan॥
Om jai Surya Bhagawan॥

Usha kaal mein jab tum,
Udayaachal aate॥
Sab tab darshan paate॥
Phailaate ujiyaara,
Jagt tab jag saara॥
Kare sab tab gun gaana॥
Om jai Surya Bhagawan॥

Sandhya mein Bhuvaneshwar,
Astaachal jaate॥
Godhan tab ghar aate॥
Godhuli bela mein,
Har ghar har aangan mein॥
Ho tav mahima gaana॥
Om jai Surya Bhagawan॥

Deva danuj nar naari,
Rishi munivar bhajate॥
Aaditya hruday japate॥
Strot ye mangalkaari,
Iski hai rachna nyaari॥
De nav jeevanadaan॥
Om jai Surya Bhagawan॥

Tum ho trikaal rachiyata,
Tum jag ke aadhaar॥
Mahima tab aparmpaar॥
Pranon ka sinchan karke,
Bhakton ko apne dete॥
Bal vridhi aur gyaan॥
Om jai Surya Bhagawan॥

Bhoochar jal char khechar,
Sab ke ho pran tumhi॥
Sab jeevon ke pran tumhi॥
Ved puran bakhaane,
Dharm sabhi tumhein maane॥
Tum hi sarv shaktimaan॥
Om jai Surya Bhagawan॥

Poojan karti dishaayein,
Pooje dash dikpaal॥
Tum bhuvanon ke pratipaal॥
Rituyein tumhaari daasi,
Tum shashwat avinaashi॥
Shubhkaari anshumaan॥
Om jai Surya Bhagawan॥

Om jai Surya Bhagawan,
Jai ho Dinakar Bhagawan॥
Jagat ke netra ruvaroopa,
Tum ho trigun swaroopa॥
Dharat sab hi tav dhyaan,
Om jai Surya Bhagawan॥

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FAQs Related To Surya Dev Ji

सूर्य देव कौन से भगवान है?

ग्रह या देवता : सूर्य देव ग्रह नहीं एक देवता हैं

ज्योतिष के कुछ ग्रंथों और पुराणों में इन्हीं सूर्य को सूर्य देव से जोड़कर भी देखा जाता है जबकि सूर्य देव का जन्म धरती पर ही हुआ माना जाता है। एक अन्य कथा के अनुसार कश्यप की पत्नी अदिति ने सूर्य साधना करके अपने गर्भ से एक तेजस्वीवान पुत्र को जन्म दिया था।

सूर्य देव का असली नाम क्या है?

सूर्य देव का असली नाम

अदिति के गर्भ से जन्म लेने के कारण इन्हें आदित्य कहा जाने लगा. इसके अलावा भी सूर्य के अन्य नाम जैसे कि दिनकर, रश्मि मते, भुवनेश्वर, प्रभाकर,सविता,भानू ,दिवाकर,आदिदेव,रवि और सप्तसती हैं.

सूर्य देव का बेटा कौन है?

धार्मिक ग्रंथों में सूर्य देव की दो पत्नियों का वर्णन मिलता है एक का नाम संध्या और दूसरी का नाम छाया है इनके पुत्र मृत्यु के देवता यमराज और शनिदेव है जो मनुष्य के कर्मों के अनुसार उन्हें परिणाम देते हैं.

सूर्य देव के आराध्य देव कौन हैं?

अदिति के गर्भ से जन्म लेने के कारण इन्हें आदित्य कहा गया. सूर्य के देवता भगवान शिव हैं. सूरज देवता भी महादेव की अराधना करते हैं. महादेव को सूर्य देव का अराध्य बताया गया है.

सूर्य देव की आरती अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसे सूर्योदय पर या सूर्यास्त पर समर्पित किया जाता है। यह आरती सूर्य देव की आराधना करती है और सूर्य देव के दिव्य शक्तियों को प्राप्त करने के लिए की जाती है। यह आरती सूर्य देव के शुभ प्रभावों को प्राप्त करने में मदद करती है और समस्याओं से छुटकारा पाने में भी मदद करती है। सूर्य देव की आरती गाकर सूर्य देव की आराधना करने से व्यक्ति के मन में शांति और सुख की भावना उत्पन्न होती है।

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