सदाशिव थॉने कष्ट हटाणों छैsadashiv thane kasht hatiaano che
सदाशिव थॉने कष्ट हटाणों छै,
कोरोणा सें ई भारत ने आर बचाणों छै ।। स्थाई।। अंतरे
सागर मंथन में सागर सें पहली निकल्यो जहर
फैल गयो चो तरफ हलाहल, दोड़ी विष की लहर,
जहर बोलो कुण कुण नें पाणों छै,
कोराना सें ई भारत ने आर बचाणों है,
नट गया सारा देव आपणॉ कोनें बस की बात,
यों कह ऊँचा हाथ कर दिया सभी देव इक साथ,
धात यो नहीं सहन हो पाणों छै ,
कोरोणा से ई भारत नें आर बचाणों छै
तुरत देवता भाग आ गया शिव शंकर के पास,
हे भगवान! बचाओ व्ना हो सृष्टी को नाश ,
सभी को सॉस बंद हो जाणों है,
कोरोना सें ई भारत ने आर बचाणों है,
हे महादेव काल का भी थे महा काल कहलाओ,
कोराणा विषाणु से ई भारत ने आर बचाओ,
नहीं बिन मोत देश मरजाणों छै,
कोरोणा से ई भारत ने आर बचाणो छ
देवा की सुण अरज सदा शिव जहर हलाहल पीगा,
करी कृपा महादेव देवता मरता मरता जीगा
नहीं तो लेता पकड़ मुसाणों छै
ऐयों बचगा देव मगर आपो ऐयों बच पावो.
गुरू मन्त्र ओम् जूं सः त्रिक्षर घट में रटता जावों,
तो भगवान दौड़ खुद आणों छ,
कोरोणा सें ई भारत ने आर बचाणों है,
*जय-भारत वन्दे मातरम रचना- कवि पं भगवान सहाय शर्मा संपकांक- 9828597254
संपादक-विजय डिडवानिया सरदारशहर