श्रीकृष्ण के 13 चमत्कारी मंत्र – mantra of krishna

श्रीकृष्ण के 13 चमत्कारी मंत्र – mantra of krishna: भगवान विष्णु के आठवें अवतार माने जाने वाले श्रीकृष्ण की महिमा न केवल भारत में ही, बल्कि पूरे जगत में भी अपार है। उन्हें मानने वालों की संख्या करोड़ों में है। इसी कारण से न केवल देश के भीतर, बल्कि विदेश में भी यशोदा के कान्हा के कई मंदिर स्थापित हैं।

उनके जीवन से जुड़े न केवल कुछ उदाहरण, वरन्तय उनसे जुड़े मंत्र भी भक्तों के लिए बेहद सहायक हैं। इसलिए आज हम आपको श्रीकृष्ण से जुड़े कुछ ऐसे मंत्र बताने जा रहे हैं जो जीवन में धन-संपदा और सौंदर्य देते हैं। ये मंत्र काफी सरल हैं, लेकिन फिर भी ध्यान रखें कि आप इनका सही उच्चारण ही करें।

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार सही उच्चारित मंत्र ही सही फल प्रदान करते हैं और मंत्रों का गलत उच्चारण कई बार तबाही का कारण भी बन जाता है, क्योंकि वे अपने सही फल की बजाए विपरीत फल प्रदान कर देते हैं। आगे जानें एक-एक करके श्रीकृष्ण के धन-संपदा प्रदान करने वाले तेरह चमत्कारी मंत्रों के बारे में।

Krishna Mantra in Hindi | श्रीकृष्ण के 13 चमत्कारी मंत्र

कृं कृष्णाय नमः” को “श्रीकृष्ण का मूलमंत्र” कहा जाता है, जिसके जाप से व्यक्ति का अटका हुआ धन प्राप्त होता है और घर-परिवार में सुख की वर्षा होती है। धार्मिक उद्देश्यों के अनुसार, प्रातःकाल नित्यक्रिया और स्नान के बाद इस मंत्र का 128 बार जाप करना लाभकारी होता है। इस प्रकार जाप करने वाले व्यक्ति सभी बाधाओं और कष्टों से सदैव मुक्त रहते हैं और अटका हुआ धन तुरंत प्राप्त करते हैं।

दूसरे महामंत्र का उपयोग करते हुए, “ऊं श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा” यह कोई साधारण मंत्र नहीं है, बल्कि श्रीकृष्ण का सप्तदशाक्षरी महामंत्र है। शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार, इस महामंत्र का 108 बार जाप करने से सिद्धि होती है, लेकिन पांच लाख बार जाप करने से भी यह सिद्ध होता है।

धार्मिक मान्यतानुसार, जप के समय हवन का दशांश, अभिषेक का दशांश, तर्पण तथा तर्पण का दशांश मार्जन करने का विधान शास्त्रों में वर्णित है। जिस व्यक्ति को यह मंत्र सिद्ध हो जाता है, उसे करोड़पति होने से कोई नहीं रोक सकता।

गोवल्लभाय स्वाहा“… देखने में यह केवल दो शब्द दिखाई दे रहे हैं, लेकिन धार्मिक संदर्भ से देखें तो इन शब्दों को बनाने के लिए प्रयोग में आए सात अक्षर बेहद महत्वपूर्ण हैं। यदि उच्चारण के समय एक भी अक्षर सही से नहीं पढ़ा जाए, तो इस मंत्र का असर खत्म हो जाता है।

आपको बता दें कि इस सात अक्षरों वाले श्रीकृष्ण मंत्र से अपार धन प्राप्ति होती है। तो यदि आप भी जल्द से जल्द बहुत सारा धन पाना चाहते हैं, तो जब समय मिले इस मंत्र का जाप करें। उठते-बैठते, चलते-फिरते… हर समय इस मंत्र का उच्चारण सही रूप से करते रहें। यूं तो इस मंत्र के जाप के लिए कोई विशेष संख्या नहीं बांधी गई है, लेकिन ऐसा पाया गया है कि मंत्र जाप के सवा लाख होते ही आर्थिक स्थिति में आश्चर्यजनक रूप से सुधार होने लगता है।

गोकुल नाथाय नमः” का जिन्होंने जाप किया हो, उनकी सभी इच्छाएं और अभिलाषाएं पूर्ण होती हैं। चाहे वह धन संबंधी हों, भौतिक सुखों से संबंधित हों या किसी भी निजी कामना को पूरा करने के लिए हों। इस मंत्र को सही उच्चारण से जाप करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः” आर्थिक स्थिति को सुधारने वाले इस मंत्र का प्रयोग करने से सभी सिद्धियों की प्राप्ति होती है। यह मंत्र आर्थिक स्थिति को न केवल सुधारता है, बल्कि उसमें तेजी से वृद्धि भी लाता है।

ॐ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय” तक अब तक हमने जो भी मंत्र बताए, वे सभी सुख और संपदा से जुड़े थे, लेकिन यह ऐसा मंत्र है जो विवाह से जुड़ा है। जो जातक प्रेम विवाह करना चाहते हैं, लेकिन किन्हीं कारणों से हो नहीं रहा, तो वे प्रातः काल में स्नान के बाद ध्यानपूर्वक इस मंत्र का 108 बार जाप करें। कुछ ही दिनों में उन्हें चमत्कारी फल प्राप्त होगा।

ऐं क्लीं कृष्णाय ह्रीं गोविंदाय श्रीं गोपीजनवल्लभाय स्वाहा ह्र्सो” यह मंत्र उच्चारण में थोड़ा कठिन जरूर है, लेकिन इसका प्रभाव उतना ही तेज़ है। यह मंत्र वाणी का वरदान देता है।

यहां वाणी से अर्थ उनके लिए नहीं है जो अपनी आवाज़ खो चुके हों। यह मंत्र वागीशत्व प्रदान करता है, अर्थात् ऐसी शक्ति जिससे आपकी वाणी की क्षमता मजबूत हो जाती है और जो भी बोलें वह सही सिद्ध हो जाता है।

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय श्रीं श्रीं श्री” यह 23 अक्षरों वाला श्रीकृष्ण मंत्र है जो जीवन में किसी भी प्रकार की बाधा को दूर करने में सहायक सिद्ध होता है। धन की बाधा नहीं होती।

ऐसी मान्यता है कि जो भी साधक इस तेइस अक्षरों वाले श्रीकृष्ण मंत्र का जाप करता है, उसके जीवन में कभी धन की कमी नहीं आती। उसकी धन से संबंधित सभी बाधाएं इस मंत्र के नियमित प्रयोग से दूर हो जाती हैं।

ॐ नमो भगवते नन्दपुत्राय आनन्दवपुषे गोपीजनवल्लभाय स्वाहा“…. यह श्रीकृष्ण का 28 अक्षरों वाला मंत्र है, जिसका जाप करने से मनोवांछित फल प्राप्ति होते हैं। जो भी साधक इस मंत्र का जाप करता है, उसको समस्त अभीष्ट वांछित वस्तुएं प्राप्त होती हैं।

लीलादंड गोपीजनसंसक्तदोर्दण्ड बालरूप मेघश्याम भगवन विष्णो स्वाहा“…. श्रीकृष्ण के इस मंत्र में उन्तीस (29) अक्षर हैं, जिसका जो भी साधक एक लाख जप के साथ घी, शक्कर तथा शहद में तिल व अक्षत को मिलाकर हवन भी करे तो उसे स्थिर लक्ष्मी अर्थात स्थायी संपत्ति की प्राप्ति होती है।

नन्दपुत्राय श्यामलांगाय बालवपुषे कृष्णाय गोविन्दाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा“…. श्रीकृष्ण द्वारा दिया गया यह मंत्र 32 अक्षरों वाला है। इस मंत्र के जाप से समस्त आर्थिक मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यदि आप किसी आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं तो सुबह स्नान के बाद कम से कम एक लाख बार इस मंत्र का जाप करें। आपको जल्द ही सुधार देखने को मिलेगा।

ॐ कृष्ण कृष्ण महाकृष्ण सर्वज्ञ त्वं प्रसीद मे. रमारमण विद्येश विद्यामाशु प्रयच्छ में“…

33 अक्षरों वाले इस मंत्र में ऐसी चमत्कारी शक्तियां हैं जिस पर आप विश्वास नहीं कर पाएंगे। इस श्रीकृष्ण मंत्र का जो भी साधक जाप करता है, उसे समस्त प्रकार की विद्याएं निःसंदेह प्राप्त होती हैं। यह मंत्र गोपनीय माना गया है इसे करते समय किसी को पता नहीं चलना चाहिए।

“॥ कृष्णःकर्षति आकर्षति सर्वान जीवान्  इति कृष्णः॥ ॥ ओम्  वेदाः वेतं पुरुषः महंतां देवानुजं प्रतिरंत जीव सेश्रीकृष्ण के इस मंत्र में तैंतीस (33) अक्षर हैं, जिसके नियमित जाप से धन से संबंधित किसी भी प्रकार का संकट टल जाता है।

सभी मंत्र अमूमन धन प्राप्ति से ही जुड़े हैं, लेकिन कुछ मंत्र ऐसे भी हैं जो आपको कई सिद्धियों की प्राप्ति करा सकते हैं। परन्तु फिर से दोहरा दें, कि इन मंत्रों का सही उच्चारण पहले सीख लें और फिर जाप करें। अन्यथा गलत उच्चारण आपको संकट में डाल सकता है।

इन्हें भी जाने

  • भगवान कृष्ण का मंत्र क्या है?

श्री कृष्ण का सबसे शक्तिशाली मंत्र: ॐ नमो भगवते वासुदेवाय है।

  • श्रीकृष्ण को प्रसन्न कैसे करें?

अब भगवान श्रीकृष्ण की पूजा फल, फूल, धूप, दीप, कुमकुम, तुलसी दल, तिल, जौ, अक्षत, हल्दी और चंदन से करें। कहते हैं कि कृष्णजी को स्नान-ध्यान कराकर उनका श्रृंगार कर दर्पण दिखाने से भगवान श्रीकृष्ण बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं। इससे व्यक्ति के सभी मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। साथ ही घर में धन का आगमन होता है।

  • जय श्री कृष्णा बोलने से क्या होता है?

जय श्री कृष्ण से चित्त शांत होता है। जय श्री कृष्ण से विनय प्रकट होता है। जय श्री कृष्ण से पुन्य कर्मो का उपार्जन होता है। जय श्री कृष्ण बोलने से और भी हजारो गुणों की प्राप्ति होती है।

  • कृष्ण जी को क्या प्रिय है?

सिर पर मुकुट, मुकुट में मोर पंख, पीतांबर, बांसुरी और वैजयंती की माला. ऐसे अद्भूत रूप को जो एकबार देख लेता था, वो उसी का दास बनकर रह जाता था. ये तो हम सभी जानते हैं कि श्रीकृष्ण को दूध, दही और माखन बहुत प्रिय था लेकिन इसके अलावा भी उन्हें बहुत कुछ पसंद था. श्रीकृष्ण को इन पांच चीजों से विशेष लगाव था.

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