शिव जी की महिमा अपरम्पार हैshiv ji ki mahima aparmpar hai
शिव जी की महिमा अपरम्पार है
आया शिवरात्रि का त्यौहार है,
चरणों में नतमस्तक संसार है,
आया शिवरात्रि का त्यौहार है,
जिनके उर में सर्पो की माला है,
भस्म रमाए बैठा डमरू वाला है,
सिर पर जिनके गंगा की धार है,
दुनिया उनकी करती जय जयकार है,
शिव जी की महिमा अपरम्पार है,
आया शिवरात्रि का त्यौहार है।।
भांग धतूरा बेल पत्र ले आए है,
गंगा जल में अक्षत फूल सजाए है,
होंठों पे भरे बस ओमकार है,
शिवजी के मंत्रो का गुंजार है,
शिव जी की महिमा अपरम्पार है,
आया शिवरात्रि का त्यौहार है,
ईच्छा जन जन की ये पूरी करते है,
झोली हरदम भक्तों की ये भरते है,
दर्शन करने से ही उद्धार है,
गजब अनुज देवेंद्र इनका शृंगार है,
शिव जी की महिमा अपरम्पार है,
आया शिवरात्रि का त्यौहार है,
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