तेरी भंग ना घोट के लाउteri bhaang naa ghot ke laau

तेरी भंग ना घोट के लाउteri bhaang naa ghot ke laau

तेरी भंग ना घोट के लाउ
मैं तो पीहर ने जानू लौट के फिर न मैं  आऊ,

मैं मेहलो में रेहने वाली तू वन में रेहने आला
मैं छपन भोग लगाऊ तू कंध मूल खाने आला
चाहे जिनता जोर लगा ले तेरी बाता में न आऊ
हाथा में पड़ गए छाले तेरा सिलवटा तुड वाऊ,
तेरी भंग ना घोट के लाउ

तू जितना भी करके बहाना मने भोले क्यों बेह्कावे,
भर भर सुलफा पी वे तू दिन भर मुझे सतावे
तेरा रोज रोज का डरामा मेरे चित का चैन चुरावे
तेरे पैर पडू भोले अब और न हुकम चलावे
तेरी भंग ना घोट के लाउ….

तने मिक्सी बोल दिला दे अब मैं न पीहर जाऊ
तेरी घोट घोट के भंगिया मिक्सी से खूब पिलाऊ
तेरे शरण शीश झुकाऊ मैं भोले बम बम गाऊ
तेरे चरनन शीश झुकाऊ मैं भोले बम बम गाऊ
तेरी शरणं शीश झुकाऊ मैं भोले बम बम गाऊ
तेरी भंग ना घोट के लाउ

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