डमक डम डमरू बाजेdamak dam damru bhaaje

डमक डम डमरू बाजेdamak dam damru bhaaje

शंकरा मेरे शंकरा…….

डमक डम डमरू बाजे हो मेरा भोला नाचे
सावन में घिर घिर आई घटाएं
खोल दी भोले ने अपनी जटाएं
डमक डम डमरू बाजे …………..

शीश पे भोले के रहती हैं गंगा
भक्तों से इनके कोई लेता ना पंगा
काँधे पे कांवर साजे झूम के कांवरिया नाचे
सावन में घिर घिर आई घटाएं
खोल दी भोले ने अपनी जटाएं
डमक डम डमरू बाजे …………..

संग गणेश और गुजरा विराजे
मस्तक पे इनके चन्द्रमा साजे
अंग में भस्म रमाये झूमते नंदी आये
सावन में घिर घिर आई घटाएं
खोल दी भोले ने अपनी जटाएं
डमक डम डमरू बाजे …………..

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