जबसे किया भरोसा मैंने मेरे बने सब काम लिरिक्स


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Jab Se Kiya Bharosa Maine Lyrics

तर्ज – स्वर्ग से सुन्दर।

 

जबसे किया भरोसा मैंने,
मेरे बने सब काम,
सुख दुःख का मेरे साथी बन गया,
मेरा खाटू वाला श्याम,
प्रेम का तार न टूटे,
कभी दरबार न छूटे।।

इनके भरोसे अपना,
छोड़ा परिवार ये सारा,
जब साथी मेरा कन्हैया,
क्यों ढूँढू और सहारा,
श्याम प्रभु की सेवा करके,
मिला मुझे सम्मान,
प्रेम का तार न टूटे,
कभी दरबार न छूटे।।

इनके भरोसे मैंने,
ये जीवन नाव चलाई,
चाहे कितने तूफ़ा आए,
पर नाव ने मंजिल पाई,
सांवरिये ने करके दया,
थाम ली है पतवार,
प्रेम का तार न टूटे,
कभी दरबार न छूटे।।

मेरी हर पल चिंता,
करता है खाटू वाला,
कहता ‘रोमी’ सबसे,
मेरा श्याम बड़ा दिल वाला,
सेठो के इस सेठ से मेरी,
हो गई है पहचान,
प्रेम का तार न टूटे,
कभी दरबार न छूटे।।

जबसे किया भरोसा मैंने,
मेरे बने सब काम,
सुख दुःख का मेरे साथी बन गया,
मेरा खाटू वाला श्याम,
प्रेम का तार न टूटे,
कभी दरबार न छूटे।।

Singer – Sardar Romi Ji

Jab Se Kiya Bharosa Maine Lyrics

Jabase Kiya Bharosa Mainne,
Mere Bane Sab Kaam,
Sukh Dukh Ka Mera Saathee Ban Gaya,
Mera Khatu Vaala Shyaam,
Prem Ka Taar Na Tute Kabhee,
Darabaar Na Chhute,

Shyaam Bharose Mainne Chhoda,
Parivaar Ye Saara,
Jab Saathee Mera Kanhaiyaan,
Kyon Dhoondhoon Aur Sahaara,
Shyaam Prabhu Kee Seva Kar Ke,
Mila Mujhe Sammaan,
Sukh Dukh Ka Mera Saathee Ban Gaya,
Mera Khatu Vaala Shyaam,
Prem Ka Taar Na Tute Kabhee,
Darabaar Na Chhute,

Shyaam Bharose Mainne Ye,
Jeevan Naanv Chalaee,
Chaahe Kitane Toofaan Aae,
Meree Naanv Ne Manjil Paee,
Saanvariya Ne Kirapa Kar Dee,
Thaam Lee Hai Patavaar,
Sukh Dukh Ka Mera Saathee Ban Gaya,
Mera Khatu Vaala Shyaam,
Prem Ka Taar Na Tute Kabhee,
Darabaar Na Chhute,

Meree Har Pal Chinta Karata,
Hai Khatu Vaala,
Kahata Romee Ye Sabase Mera,
Shyaam Bada Dil Vaala,
Sethon Ke Is Seth Se Apanee,
Ho Gaee Hai Pahachaan,
Sukh Dukh Ka Mera Saathee Ban Gaya,
Mera Khatu Vaala Shyaam,
Prem Ka Taar Na Tute Kabhee,
Darabaar Na Chhute,

कृष्ण भजन के बोल: गीतों का एक दिव्य संग्रह और उनका महत्व

कृष्ण भजन भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक अभिन्न अंग हैं। इन भक्ति गीतों के बोल हिंदू धर्म के सबसे पूजनीय देवताओं में से एक, भगवान कृष्ण के प्रति समर्पण और समर्पण से भरे हुए हैं। कृष्ण भजन विभिन्न रूपों में गाए जाते हैं, जैसे कीर्तन, आरती और भजन। इस लेख में, हम कृष्ण भजन के बोलों के अर्थ और महत्व और भक्तों पर उनके प्रभाव का पता लगाएंगे।

परिचय

कृष्ण भजन पूजा का एक रूप है जो सदियों से भारत में प्रचलित है। ये भक्ति गीत भगवान कृष्ण की स्तुति में गाए जाते हैं, जिन्हें हिंदू धर्म में सबसे शक्तिशाली और परोपकारी देवताओं में से एक माना जाता है। इन भजनों के बोल भगवान कृष्ण के प्रति भक्ति और आभार व्यक्त करने और उनका आशीर्वाद लेने का एक तरीका है।

कृष्ण भजनों का इतिहास

भगवान कृष्ण की स्तुति में भक्ति गीत गाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। ऐसा कहा जाता है कि 15वीं शताब्दी में शुरू हुआ भक्ति आंदोलन कृष्ण भजनों की व्यापक लोकप्रियता में सहायक था। आंदोलन ने भक्ति की शक्ति और भगवान के साथ एक व्यक्तिगत संबंध के महत्व पर जोर दिया।

कृष्ण भजन के प्रकार

कृष्ण भजन विभिन्न रूपों और शैलियों में गाए जाते हैं, जिनमें कीर्तन, आरती और भजन शामिल हैं। कीर्तन भक्ति गायन का एक रूप है जिसमें भगवान कृष्ण की स्तुति में भजनों का जप और गायन शामिल है। आरती भक्ति गीत हैं जो देवता की पूजा के दौरान गाए जाते हैं, जबकि भजन भक्ति गीत हैं जो देवता की स्तुति में गाए जाते हैं।

कृष्ण भजन के बोल का महत्व

कृष्ण भजन के बोल भगवान कृष्ण के प्रति भक्ति, प्रेम और कृतज्ञता से भरे हुए हैं। वे भक्तों की गहरी भावनाओं और देवता के प्रति उनके प्रेम को व्यक्त करने का एक तरीका हैं। गीतों में आध्यात्मिक उपदेश भी होते हैं जो भक्तों को आत्म-साक्षात्कार की यात्रा में मदद करते हैं।

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