गौरा बिहाने आए है भोलेनाथ जीgaura bihane aaye hai bholenaath ji
अजब अनोखा करके श्रृंगार,
होकर नंदी पर वो सवार,
गौरा बिहाने आए है भोलेनाथ जी,
गौरा बिहाने आए हैं भोलेनाथ जी -2
देवगण बाराती,
ब्रम्हा विष्णु भी है साथ आए,
देवियाँ भी मिलकर,
शोभा बारात की सब बढ़ाए,
ऋषि मुनियों संग नारद,
महिमा गाते है, भोलेनाथ की,
गौरा बिहाने आए हैं भोलेनाथ जी।।
अजब अनोखा करके श्रृंगार…..
शुक्र और शनिचर,
अपनी लीला अलग ही दिखाए,
भुत प्रेत और चुड़ेले,
देखो हुडदंग कैसा मचाए,
कोई नाचे कोई कूदे,
कोई दिखलाता है, लम्बे दांत जी,
गौरा बिहाने आए हैं भोलेनाथ जी।।
अजब अनोखा करके श्रृंगार…..
चली बारात शिव की,
आई राजा हिमाचल के द्वारे,
भागे है लोग डरकर,
बंद कर ली है घर की किवाड़े,
नगरी में शोर हुआ,
घर घर चर्चा है, बारात का,
गौरा बिहाने आए हैं भोलेनाथ जी।।
अजब अनोखा करके श्रृंगार…..
ब्याह हुआ ख़ुशी से,
देव सारे गए अपने घर को,
है मगन गौरा जी,
पाया है आज मनचाहे वर को,
धन्य हुआ आज ‘अमर’,
लिखकर महिमा ये, भोलेनाथ की,
गौरा बिहाने आए हैं भोलेनाथ जी।।
अजब अनोखा करके श्रृंगार…..