कैलाश पर्वत पर मेरा शिव भोला भंडारीkailash parvat par mera shiv bhola bhandari

कैलाश पर्वत पर मेरा शिव भोला भंडारीkailash parvat par mera shiv bhola bhandari

बैठा है कैलाश पर मेरा शिव भोला भंडारी,
गल सर्पो की माला शीश पे गंगा है धारी….

त्रिलोकी दो नयन खुले तो बरसे अमृत धार ,
तीसरा नेत्र खुले तो शिव का, पाप का हो संहार,
शिव भोला है भंडारी, मेरा भोला है भंडारी……..

आदि अनादि भोले शंकर पग पग मिलते हैं चिंहा,
मस्त मगन बैरागी बाबा पल में रूठे पल में प्रसन्न,
शिव भोला है भंडारी सदा शिव भोला है भंडारी……

शिव पंथी जो जन हो जाए कलः क्लेश से मुक्ति पाए,
प्रातः सुमिरन करे जो शिव का, सुखमय दिन उसका कट जाए..
मेरा भोला है भंडारी महेश्वर भोला है भंडारी…….

शिव चरणो में ध्यान लगाओ, शिव तो स्वयं ही आएंगे,
श्रद्धा भक्ति से उन्हे मनाओ, बिगडे काम बनाएंगे,
मेरा भोला है भंडारी कैलाश्वर भोला है भंडारी,
मेरा भोला है भंडारी…..

देवो ने भी शिव को मनाया, पाने को वरदान,
शिव सन्यासी शिव वर्दानी, आशुतोष भगवान,
मेरा भोला है भंडारी सोमेश्वर भोला है भंडारी….

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