कमी नहीं कमी नहीं माँ तेरे खजाने कमी नहींkami nhi kami nhi maa tere khjaane kami nhi

कमी नहीं कमी नहीं माँ तेरे खजाने कमी नहींkami nhi kami nhi maa tere khjaane kami nhi

कमी नहीं कमी नहीं माँ तेरे खजाने कमी नहीं,
माँ तेरे खजाने कमी नहीं माँ तेरे खजाने कमी नहीं,

तेरी निघा तो सब पर टिक ती है,
पर टिक ते कही पर हम ही नहीं,
कमी नहीं कमी नहीं माँ तेरे खजाने कमी नहीं,

दो फूल प्यार के लेती हो और लाखो दुआये देती हो,
जो तुझपे भरोसा कर जाते वो पत्थर भी तर जाते,
यहाँ पहरा तेरी रेहमत का वह ठहर ती इक पल गमी नहीं,
कमी नहीं कमी नहीं माँ तेरे खजाने कमी नहीं,

दुःख हरनी हरती दुःख सब के तेरी दया ख़ुशी का प्रीत है,
जो जिसकी भावना ले जाये तेरी कब से भरी इक चीज है,
तेरी किरपा के झरनो की धरा बहती है युगो से कमी नहीं,
कमी नहीं कमी नहीं माँ तेरे खजाने कमी नहीं,

जिस घर में निवास माँ तेरा नहीं इस सृष्टि में वो कण ही नहीं,
तेरे भक्ति की सच्ची दौलत सा पापी दुनिया में धन ही नहीं,

मेरा रोम रोम है तेरा माँ इस रोम में तू माँ रमी नहीं,
कमी नहीं कमी नहीं माँ तेरे खजाने कमी नहीं,

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